सुबह धूप स्नान ; सर्दियों में और भी फायदेमंद

             जहां पर सूरज की रोशनी नहीं पहुंचती, वहां कीटाणु पनपते हैं। इनसे बचने का सहज सरल उपाय है सूर्य स्नान यानी धूप स्नान। सर्दियों में इसका महत्व और भी ज्यादा होता है, क्योंकि धूप स्नान के अन्य फायदों के अलावा यह शरीर को गर्मी भी देता है।
सूर्य स्नान है क्या
               नोएडा स्थित वैदिक ग्राम के आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. एन. राघवन कहते हैं कि वैदिक और पौराणिक काल से हिंदू धर्म में सूर्य का आध्यात्मिक महत्व रहा है। प्राचीन ग्रंथ अथर्व-वेद में सुबह धूप स्नान करना हृदय को स्वस्थ रखने का कारगर तरीका बताया गया है। इसमें कहा गया है कि जो व्यक्ति सूयार्ेदय के समय सूर्य की लाल रश्मियों का सेवन करता है, उसे कई रोग कभी नहीं होते हैं। धूप स्नान एक वैज्ञानिक प्रक्रिया होने के साथ-साथ एक कला भी है। विदेशों में धूप स्नान बहुत लोकप्रिय है। लोग उसे नियमित रूप से करते भी हैं। उनके लिए धूप स्नान ठीक उसी तरह है, जिस तरह ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर का समय। धूप स्नान सुबह सूयार्ेदय के समय किया जाना चाहिए, क्योंकि उस वक्त की सूर्य की गर्मी सहनीय होती है और शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाती।
हड्डियों को मिलेगी मजबूती
                   हड्डियों को सबसे अधिक मजबूती विटामिन डी से मिलती है। हड्डियां जितनी अधिक मजबूत होंगी शरीर उतना ही सुडौल और मजबूत होगा। विटामिन डी सूरज की रोशनी से शरीर स्वयं बना लेता है। सर्दियों में चूंकि सूर्य की किरणें काफी मद्धिम होती हैं और कम समय के लिए पृथ्वी पर रहती हैं, इसलिए इस दौरान नियम से धूप स्नान, वह भी सही समय पर करना और भी जरूरी हो जाता है, ताकि शरीर को गर्मी के साथ-साथ पर्याप्त विटामिन डी बनाने का मौका मिल सके।
मालिश से दोगुना फायदा
                 अगर आप धूप स्नान ले रहे हैं तो साथ-साथ अपने शरीर की मालिश कर सकते हैं, जो एक उपयोगी उपचार है। धून स्नान के समय मसाज या मालिश करने से शरीर में स्फूर्ति आती है और आप ऊर्जावान महसूस करते हैं। सप्ताह में एक दिन सूर्य की किरणों के नीचे ही सरसों के तेल से पूरे शरीर की मसाज करें। इससे न केवल त्वचा कांतिमय होती है, बल्कि चेहरे पर तेज आता है। मालिश करने के बाद गुनगुनी धूप का स्नान लेकर सूर्य किरणों का अधिक से अधिक लाभ उठा लेना चाहिए। मालिश करके सुबह के समय सूर्य की किरण में स्नान करने से न केवल विटामिन डी का स्तर बढ़ता है, बल्कि वजन भी संतुलित रहता है।
पाएं निरोगी काया
                 सूर्य की किरणें कैल्शियम का सबसे बड़ा स्रोत हैं। इससे आपकी हड्डियां मजबूत रहती हैं और शरीर को कई रोगों से लड़ने की क्षमता मिलती है। बढ़ती उम्र में सूरज की रोशनी शरीर की हड्डियों को मजबूत रखती हैं। साथ ही धूप स्नान से हमारे स्नायुमंडल को शक्ति मिलती है। रक्तचाप सामान्य रहता है। इससे चर्मरोग एवं गठिया में लाभ मिलता है और शरीर को कैल्शियम और फॉस्फोरस प्राप्त होता है। उच्च रक्तचाप में कमी आती है और दिल के दौरे तथा स्ट्रोक का खतरा भी नहीं रहता। अगर एक गर्भवती महिला नियमित रूप से धूप स्नान करती है तो उसे थकान, पीठ में दर्द, मतली से निजात मिलेगी, जो प्रेग्नेंसी के दौरान होती है।
धूप स्नान के बाद जल स्नान
                धूप स्नान के आधे घंटे के बाद स्नान करने से पुरानी त्वचा कोशिकाओं को निकालने में मदद मिलती है। आप नहाते समय उबटन का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। गर्म पानी से स्नान करना ठीक होता है। यह ध्यान रखें कि नहाने का पानी ज्यादा गर्म न हो। ज्यादा गर्म पानी आपकी त्वचा को खुश्क बना सकता है।
धूप स्नान के नियम
0 धूप स्नान में सूर्य की किरणें सीधे सिर पर नहीं पड़नी चाहिए।
0 धूप स्नान करते समय व्यक्ति का सिर छांव में हो या फिर अच्छी तरह से ढका हुआ हो।
0 धूप स्नान के बाद थोड़ी देर छांव में टहलना या फिर पानी से स्नान करना सही माना जाता है।
0 दस मिनट से लेकर आधे घंटे तक धूप स्नान कर सकते हैं।
0 सूर्य की किरणें हमारे नाड़ी तंत्र या स्नायुमंडल का संचालन करके हमें जरूरी ऊर्जा प्रदान करती हैं। इसलिए धूप स्नान के दौरान अधिक से अधिक धूप अपनी रीढ़ की हड्डी तक पहुंचने दें।
इन बातों को रखें याद
0 आप लंबे समय के लिए धूप स्नान कर रहे हैं तो टोपी, धूप का चश्मा और हल्के रंग का कपड़ा पहन लें।
0 धूप स्नान लेने से पहले सिर को पानी से अच्छी तरह धो लें। 
0 एक गिलास पानी जरूर पी लें।
0 ठंड के दिनों में जहां पर बहुत ठंडी हवा का तेज झोंका न लगता हो, ऐसी जगह पर धूप लें।
0 यदि पूरी धूप न निकले तो स्नान न करें।
0 सूर्य के सामने बैठने पर चक्कर आएं तो डॉक्टर से सम्पर्क करें और उसके बाद ही धूप स्नान का अभ्यास करें, ताकि कोई नुकसान न हो।
0 धूप स्नान का समय धीरे-धीरे बढ़ाएं।
0 धूप स्नान के बाद सादे पानी में स्नान अवश्य करें।
0 इन दिनों हल्की-हल्की गुनगुनी धूप में टहलने जाएं तो भी कोई हर्ज नहीं है। विटामिन-डी का सेवन भी हो जाएगा। 








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