बुढापा पास भी न आने दें, आजमाएं ये नेचुरल चीजें और महंगी एंटी-एजिंग क्रीम पर ना बर्बाद करें पैसे

बढ़ती उम्र के निशान हमारे चेहरे पर भी दिखने लगते हैं। हम बढ़ती उम्र से तो दूर भाग नहीं सकते, लेकिन कुछ प्राकृतिक चीजों के जरिए, चेहरे पर दिखने वाले उम्र के निशान को काफी हद तक कम कर सकते हैं।

 ऐस्ट्राबैरी बायोसाइंसेज के त्वचा विशेषज्ञ और निदेशक अचल आर्य बताते हैं कि 30 वर्ष के बाद चहरे पर उम्र का असर दिखने लगता है और अधिकांश महिलाएं पहले जैसी जवां त्वचा पाने के चक्कर में एंटी-एजिंग वाली क्रीमों पर हजारों रुपये खर्च करती हैं।

 लेकिन कुछ प्राकृतिक तत्वों के जरिए त्वचा को जवां बनाए रखा जा सकता है।


जोजोबा ऑयल- जोजोबा ऑयल मॉइस्चराइजर की तरह काम करता है। यह फाइन लाइनों और झुर्रियों को कम करने में मदद करता है। जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारी त्वचा कठोर और सूखी होने लगती है। ऐसे में जोजोबा ऑयल हमारी त्वचा को रिपेयर करता है। इससे त्वचा मुलायम हो जाती है और जवां दिखने लगती है।

अनार- एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने के कारण, अनार शरीर में फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को बेअसर करता है। इसमें मौजूद एंटी-एजिंग के गुण त्वचा की कोशिकाओं की मरम्मत कर उन्हें पुनर्जीवित करने में मदद करते हैं। यह झुर्रियों और ढलती त्वचा में भी जान डालने का काम करता है। इसलिए जवां त्वचा पाने के लिए अपने आहार में अनार को जरूर शामिल करें। आप चेहरे के पैक में भी इसका उपयोग कर सकती हैं।

रेटिनोल्स - रेटिनोल्स, कोलेजन के उत्पादन में वृद्धि करके फाइन लाइनों और झुर्रियों को कम करता है। साथ ही त्वचा में नए रक्त वाहिकाओं के उत्पादन को भी उत्तेजित करता है, जो त्वचा के रंग में सुधार करता है। उम्र के साथ त्वचा पर पड़ने वाले धब्बे और पैच को कम करने में मदद करता है। इसके नियमित इस्तेमाल से झुर्रियों में स्पष्ट सुधार होने में तीन से छह महीने लगते हैं और सर्वोत्तम परिणामों के लिए छह से बारह महीने लगते हैं।

ग्रीन टी- ग्रीन टी, त्वचा के स्वास्थ्य के रखरखाव के लिए आवश्यक विटामिन बी 2 और विटामिन ई से समृद्ध है। विटामिन बी 2 युवा त्वचा संरचना और दृढ़ता के लिए कोलेजन स्तर को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विटामिन ई, त्वचा की कोशिकाओं में वृद्धि करता है और मुलायम और पोषित त्वचा के लिए एक तीव्र हाइड्रेटर का भी कार्य करता है।

नियासिनमाइड- नियासिनमाइड, कोलेजन उत्पादन को बढ़ावा देता है और त्वचा के लिपिड बाधा में सुधार लाता है। साथ ही न केवल यह कोशिकाओं की मरम्मत करने और उसकी वृद्धि में मदद करता है, बल्कि उनके बेहतर संश्लेषण व कोलेजन और इलास्टिन के गठन में योगदान देता है। बढ़ती उम्र के साथ त्वचा अपनी चमक खो देती है। एंटीऑक्सीडेंट के रूप में नियासिनमाइड, ऑक्सीडेटिव तनाव के नकारात्मक प्रभाव को कम कर देता है, जिससे त्वचा में सुधार आता है।

गुलाब जल- कठोर रसायनों, तनाव, अस्वस्थ जीवनशैली, प्रदूषण और सूर्य की हानिकारक यूवी किरणों के संपर्क में आने के कारण त्वचा पर बुरा असर पड़ता है। गुलाब जल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

शीया बटर- शीया बटर में विटामिन ए, डी और ई होता है, जो त्वचा की रक्षा में मदद करता है। त्वचा को दृढ़ और तंग दिखने के दौरान, फाइन लाइनों और झुर्रियों की उपस्थिति को कम करने में मदद करता है। शीया बटर में एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइटोस्टेरॉल की स्वाभाविक रूप से अच्छी मात्रा होती है, जो त्वचा को पोषण देती है। इसका नियमित रूप से इस्तेमाल, झुर्रियों को कम करता है। इसके एंटी-एजिंग गुण में त्वचा में नई कोशिकाओं को जन्म देने की क्षमता होती है।

जीवनशैली- एक अस्वस्थ जीवनशैली का हमारी त्वचा पर बहुत बड़ा असर होता है और अकसर इसके प्रभाव बहुत बुरे हो सकते हैं। एक अच्छी जीवनशैली हमको अंदर और बाहर, दोनों प्रकार से अच्छा महसूस कराती है और फ्री रेडिकल्स जैसे उत्पादनों को रोकता है।

 त्वचा को सूर्य के सीधे संपर्क से दूर रखें, साथ ही अपने चेहरे को नियमित रूप से धोएं और टोनर व मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करें। साथ ही फल और सब्जियों का सेवन करें।




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