कब्ज, गैस समेत पेट की हर समस्याओं के लिए करें योगा, जानें खास योगासन और उनका अभ्यास

हमारे खानपान का सीधा असर हमारे सेहत पर पड़ता है।
खानपान में अनियमितता और खराब जीवनशैली के कारण आज के समय में लगभग हर तीसरे व्यक्ति को पेट से जुड़ी कोई न कोई समस्या जरूर है। क्रिया-कलाप के अभाव और खराब खानपान के वजह से ही बच्चों में पेट के कीड़े और खराब पाचन शक्ति की समस्या देखने को मिलती है।
 पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए आप अपने खानपान पर विशेष ध्यान रखते हुए कुछ योगासन का अभ्यास कर सकते हैं। ऐसे में आज हम आपको कुछ खास योगासनों के बारे में बताएंगे, जिनके नियमित अभ्यास से पेट से जुड़ी हर समस्या दूर हो जाएगी।

कपालभाति प्राणायाम:

कपालभाति प्राणायाम करने के लिए सिद्धासन, पद्मासन या वज्रासन में बैठ जाएं और अपनी हथेलियों को घुटनों पर रखें। अपनी हथेलियों की सहायता से घुटनों को पकड़कर शरीर को एकदम सीधा रखें। अब अपनी पूरी क्षमता का प्रयोग करते हुए सामान्य से कुछ अधिक गहरी सांस लेते हुए अपनी छाती को फुलाएं। इसके बाद झटके से सांस को छोड़ते हुए पेट को अंदर की ओर खिंचे। जैसे ही आप अपने पेट की मांसपेशियों को ढीला छोड़ते हैं, सांस अपने आप ही फेफड़ों में पहुंच जाती है।
 इस प्राणायाम के अभ्यास से पेट को बहुत फायदा होता है और फालतू चर्बी भी कम हो जाती है।

मत्स्यासन:

मत्स्यासन का अभ्यास करने के लिए आप सबसे पहले दण्डासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अपने दाएं पैर को बाएं पैर पर रखें और अपनी  कमर को सीधा करें। इसके बाद अपने हाथों का सहारा लेते हुए पीछे की ओर अपनी कोहनियां टिकाकर लेट जाएं। अब अपने पीठ और छाती को ऊपर की ओर उठाएं और घुटनों को जमीन पर टिकाकर रखें। अपने हाथों से पैर के अंगूठे पकड़ें और गहरी सांस लेते रहें। ध्यान रखें आपकी कोहनी जमीन से लगी होनी चाहिए।
 यह आसन शरीर के थकान को कम कर पेट के सूजन को कम करता है। मत्स्यासन के अभ्यास से पेडू में उत्तेजना आती है, जिससे पेट की गैस, सूजन और अपच जैसी समस्या दूर हो जाती है।

धनुरासन:

धनुरासन के अभ्यास से पेट की सूजन, कब्ज, पीठ दर्द, मासिकधर्म और थकान की समस्या दूर हो जाती है। साथ ही इसके नियमित अभ्यास से पूरा शरीर खासतौर पर पेट, सीना, जांघ और गला आदि स्ट्रेच होते हैं। धनुरासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं। अब अपने घुटनों को मोड़कर कमर के पास ले जाएं और अपने तलवों को दोनों हाथों से पकड़ें। इसके बाद सांस लेते हुए अपनी छाती को जमीन से ऊपर उठाएं और पैरों को आगे की ओर खीचें। अब अपना संतुलन बनाते हुए सामने देखें।
 इस आसन को करने के लिए थोड़े अभ्यास की जरूरत है, इसलिए धीरे-धीरे इसका अभ्यास करें। 15-20 सेकेंड बाद सांस छोड़ते हुए अपने पैर और छाती को धीरे-धीरे जमीन की ओर लाएं।

इन व्यायाम के नियमित करने से आपका शरीर स्वस्थ और निरोगी हो जायेगा।किसी भी समस्या एवं जानकारी के लिए कृपया नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें।


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